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श्री राम नाम की महिमा

एक सज्जन Shree Mahaperiyava के पास आए और अपना परिचय देते हुए अपने पैतृक गांव का नाम बताया। Shree Mahaperiyava ने पुछा  "आपके गाँव में ' Tukkiri Patti ' नाम की एक बूढ़ी औरत थी, क्या आप जानते हैं?" भक्त ने उत्तर दिया, "वह हमसे संबंधित थी " । Shree Mahaperiyava ने पुछा " राम विनायक , क्या वह वहाँ है?" "गाँव के मंदिर के  विनायक वास्तव में राम विनायक के नाम से जाने जाते थे "| Shree Mahaperiyava  ने बूढ़ी औरतऔर विनायक के बारे में  कई तरह के सवाल पूछने शुरू किए। लेकिन भक्त Shree Mahaperiyava के सवालों का संतोषजनक तरीके से जवाब नहीं दे सके। वह विस्तृत प्रश्नों के दायरे में संघर्ष करता रहा। तब Shree Mahaperiyava ने स्वयं निम्नलिखित वृतांत सुनाया। "उस गाँव में न तो कोई शिव मंदिर था, न ही कोई पेरुमल मंदिर। केवल यही Pillaiyar मंदिर था। हर शाम, ब्राह्मण गाँव के बाहरी इलाके में सहायक नदी में स्नान करते और संध्यावंदन करते।"  वे विनायक मंदिर में रुकते थे। वहाँ बैठकर वे राम नाम का जाप करते थे। गाँव के निवासी भी इकट्ठा होते थे और राम नाम ज

दिन में हरि नाम स्मरण करे - Shree Mahaperiyava

Shree Mahaperiyava प्रातः हर दिन हरि नाम का जाप करते थे। एक छात्र ने इसका अवलोकन किया। Shree Mahaperiyava के माथे पर शिव भस्म  थी, गले में रुद्राक्ष, जो शैव धर्म के संकेत थे, यहाँ वह श्री हरि के नाम का पाठ कर रहे थे। यह क्या था? छात्र ने खुद श्री Shree Mahaperiyava से पूछा। एक वैदिक जो पास ही खड़ा था उसने इसके लिए छात्र से आपत्ति प्रकट की | "आपको Shree Mahaperiyava को इस तरह से संबोधित नहीं करना चाहिए।" इस पर Shree Mahaperiyava ने कहा, "बच्चे को फटकार मत लगाओ, उसे अपनी जिज्ञासा शांत करने दो " मैं उसका जवाब दूंगा। ” बच्चे ने ने प्रश्न किया की आप शैव है और हरि नाम जप कर रहे हैं ।  श्री Shree Mahaperiyava ने बच्चे को स्पष्टीकरण दिया। "सृजन, पालन और संहार  सृष्टि के तीन  क्रम हैं । श्री हरि विष्णु पालक  हैं, वो शक्ति जो सृजन और संहार के बीच कार्य करती है| ।  प्रातः जिस क्षण हम उठते हैं उस क्षण से शाम को वापस विश्रामस्थल पर वापस आने तक हमे श्री हरि विष्णु का स्मरण करते रहना चाहिए ताकि हमारे सभी कार्य बिना किसी बाधा के कुशलतापूर्वक संपन्न हो | इसी प्रकार  रात्रि में ह

Chant ‘Hari Nama’ in the Morning- Sri MahaPeriyava

Sri Maha Periyava used to chant Hari Nama every morning.  A student observed this. Maha Periyava had holy ash on his forehead, rudraksha around his neck,  which were indications of Shaivism. Be that as it may, here he was reciting the name of Sri Hari.  What was this?  The kid asked Sri Maha Periyava himself.  A vaidika who was close by admonished the kid.  "You should not address Maha Periyava in this way."  Sri Maha Periyava said , "Don't reprimand the kid. Let him voice his confusion.  I will answer him."  The kid rehashed his query. Sri Maha Periyava gave the kid a clarification.  "Creation, safeguarding, and annihilation are the three fold assignments.  Sri Hari Vishnu is the preserver. From the second we wake up, till we hit the sack we  play out various assignments. We should go to Sri Hari Vishnu, to be with us so  all work done during the day is effective and progressed nicely.  Bhagavan Krishna is called an 'Idayya', which implies the pers

Maha Periyava on who recorded Vishnu Sahasranamam

Once  way back in 1940s or 50s someone was interviewing Maha Periyavaar. That gentleman recorded the interview using a tape recorder. Periyavaa then posed a question. “Does anyone know which is the oldest known tape recorder?” Nobody was able to answer. Then Maha Periyavaa asked another question. “How did Vishnu Sahasranamam come to us?” Someone said Bheeshma gave it to us. All agreed. Then Maha Periyavaa posed another query . “When all were listening to Bheeshma on the battlefield, who took notes at Kurukshetra?” Again silence. Maha Periyavaar explained… When Bheeshma was glorifying Krishna with Sahasranamam Everyone was looking at him including Krishna and Vyasa. After he finished the 1000 Namas all opened their eyes. The first to react was Yudhistirar. He said, ‘Pithamaha has chanted 1000 glorious names of Vasudeva. All of us listened but none of us have noted it down. The sequence is lost’. Then all turned to Krishna and asked for His help. As usual He said, ‘I also was listening l