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Showing posts from July, 2020

श्री राम नाम की महिमा

एक सज्जन Shree Mahaperiyava के पास आए और अपना परिचय देते हुए अपने पैतृक गांव का नाम बताया। Shree Mahaperiyava ने पुछा  "आपके गाँव में ' Tukkiri Patti ' नाम की एक बूढ़ी औरत थी, क्या आप जानते हैं?" भक्त ने उत्तर दिया, "वह हमसे संबंधित थी " । Shree Mahaperiyava ने पुछा " राम विनायक , क्या वह वहाँ है?" "गाँव के मंदिर के  विनायक वास्तव में राम विनायक के नाम से जाने जाते थे "| Shree Mahaperiyava  ने बूढ़ी औरतऔर विनायक के बारे में  कई तरह के सवाल पूछने शुरू किए। लेकिन भक्त Shree Mahaperiyava के सवालों का संतोषजनक तरीके से जवाब नहीं दे सके। वह विस्तृत प्रश्नों के दायरे में संघर्ष करता रहा। तब Shree Mahaperiyava ने स्वयं निम्नलिखित वृतांत सुनाया। "उस गाँव में न तो कोई शिव मंदिर था, न ही कोई पेरुमल मंदिर। केवल यही Pillaiyar मंदिर था। हर शाम, ब्राह्मण गाँव के बाहरी इलाके में सहायक नदी में स्नान करते और संध्यावंदन करते।"  वे विनायक मंदिर में रुकते थे। वहाँ बैठकर वे राम नाम का जाप करते थे। गाँव के निवासी भी इकट्ठा होते थे और राम नाम ज

दिन में हरि नाम स्मरण करे - Shree Mahaperiyava

Shree Mahaperiyava प्रातः हर दिन हरि नाम का जाप करते थे। एक छात्र ने इसका अवलोकन किया। Shree Mahaperiyava के माथे पर शिव भस्म  थी, गले में रुद्राक्ष, जो शैव धर्म के संकेत थे, यहाँ वह श्री हरि के नाम का पाठ कर रहे थे। यह क्या था? छात्र ने खुद श्री Shree Mahaperiyava से पूछा। एक वैदिक जो पास ही खड़ा था उसने इसके लिए छात्र से आपत्ति प्रकट की | "आपको Shree Mahaperiyava को इस तरह से संबोधित नहीं करना चाहिए।" इस पर Shree Mahaperiyava ने कहा, "बच्चे को फटकार मत लगाओ, उसे अपनी जिज्ञासा शांत करने दो " मैं उसका जवाब दूंगा। ” बच्चे ने ने प्रश्न किया की आप शैव है और हरि नाम जप कर रहे हैं ।  श्री Shree Mahaperiyava ने बच्चे को स्पष्टीकरण दिया। "सृजन, पालन और संहार  सृष्टि के तीन  क्रम हैं । श्री हरि विष्णु पालक  हैं, वो शक्ति जो सृजन और संहार के बीच कार्य करती है| ।  प्रातः जिस क्षण हम उठते हैं उस क्षण से शाम को वापस विश्रामस्थल पर वापस आने तक हमे श्री हरि विष्णु का स्मरण करते रहना चाहिए ताकि हमारे सभी कार्य बिना किसी बाधा के कुशलतापूर्वक संपन्न हो | इसी प्रकार  रात्रि में ह

Know 10 direction in Hindu Dharma १० दिशाएं और उनके देवता

According to Hindu Dharma and astrology, there are 10 directions. These directions determine the life and future of man. If you have built your building or office keeping in mind the Shubha and Ashubha phala of these directions, then surely you will get Shubha Phala only. Otherwise construction of an office or building in the wrong direction can also result in a big brunt. Let us know which are the 10 directions- Urdhva, Ishaan, Poorva, Aagneya, Dakshin, Nairitya, Pashchim, Vayavya, Uttar, Adho. 10 directions have their own Dikpalas(guardians)- Urdhva - Devta for Urdhva disha is Brahma . Ishaan - Devta for Ishaan disha is Shiva . Poorva - Devta for Poorva disha is Indra . Aagneya - Devta for Aagneya disha is Agni . Dakshin - Devta for Dakshin disha is Yama . Naritya - Devta for Naritya disha is Nirriti . Pashchim - Devta for Pashchim disha is Varun . Vayava - Devta for Vayavya disha is Vayu . Uttar - Devta for Uttar disha is Kubera . Adho - Devta for Adho disha is Ananta . दि